Uttarakhand Teelu Rauteli Special Pension Yojana/Scheme PDF Form Download | उत्तराखंड तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना/योजना
Here is the intro on Uttarakhand Teelu Rauteli Special Pension Yojana/Scheme PDF Form Download | उत्तराखंड तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना/योजना:
उद्देश्य: ग्रामीण कृषि क्षेत्र में लगे 20% से 40% विकलांग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।लाभ: ₹1200/- की मासिक पेंशन।पात्रता:
- आयु: 18 से 60 वर्ष
- विकलांगता: 20% से 40%
- कोई आय सीमा नहीं
- पुरुष और महिला दोनों पात्र
नोट:
- पूर्व में इस योजना को “उत्तराखंड विकलांग पेंशन योजना” के नाम से जाना जाता था।
- विकलांग भरण-पोषण पेंशन योजना पूर्ववत जारी है।
आवेदन प्रक्रिया: केवल ऑफलाइन उपलब्ध।
Benefits of Uttarakhand Teelu Rauteli Special Pension Yojana/Scheme PDF Form Download | उत्तराखंड तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना/योजना
उत्तराखंड तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना के अंतर्गत लाभार्थी को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:-
- ग्रामीण कृषि क्षेत्र में लगे विकलांग महिलाओं और पुरुषों को मासिक पेंशन मिलती है।
- हर महीने लाभार्थियों को रुपये मिलेंगे। 1200/-.
Eligibility Criteria | पात्रता मापदंड
उत्तराखंड तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करना होगा: –
- आवेदक को उत्तराखंड का निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक को राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए।
- कोई आय सीमा नहीं है.
Documents required | आवश्यक दस्तावेज़
‘उत्तराखंड तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना’ के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:-
- आधार कार्ड।
- निवास प्रमाण पत्र।
- बैंक/डाकघर खाता विवरण।
- मोबाइल नहीं है।
- पासपोर्ट आकार का फोटो (ग्राम प्रधान/सदस्य क्षेत्र पंचायत/जिला पंचायत अध्यक्ष/नगर पालिका पार्षद/ग्राम विकास अधिकारी द्वारा सत्यापित)।
- वोटर आई कार्ड।
- विकलांगता प्रमाण पत्र.
- (मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रमाणित)
Important Links
Himachal Pradesh Transgender Pension Yojana
Himachal Pradesh Rehabilitation Allowance to Lepers
How to Apply | आवेदन कैसे करें
- आवेदन पत्र प्राप्त करें: अपने नजदीकी समाज कल्याण कार्यालय से ऑफ़लाइन आवेदन पत्र प्राप्त करें।
- आवेदन पत्र भरें: आवेदन पत्र में सभी आवश्यक विवरणों को सही-सही भरें और निर्धारित स्थान पर अपना नवीनतम फोटो चिपकाएँ।
- दस्तावेज़ संलग्न करें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को संलग्न करें।
- आवेदन पत्र जमा करें: पूरा भरा हुआ आवेदन पत्र अपने नजदीकी समाज कल्याण कार्यालय में जमा करें।
- पेंशन प्राप्त करें: सफल सत्यापन के बाद, विभाग लाभार्थी के बैंक खाते में मासिक पेंशन जमा करेगा।
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: समाज कल्याण विभाग, उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- पेंशन आवेदन पत्र चुनें: होमपेज से “पेंशन आवेदन पत्र” विकल्प चुनें।
- योजना चुनें: योजनाओं की सूची में से “तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना” चुनें।
- आवेदन पत्र डाउनलोड करें: योजना चुनने के बाद, आवेदन पत्र डाउनलोड करें और प्रिंट करें।
- आवेदन पत्र भरें: आवेदन पत्र में सभी आवश्यक विवरणों को सही-सही भरें और निर्धारित स्थान पर अपना नवीनतम फोटो चिपकाएँ।
- दस्तावेज़ संलग्न करें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को संलग्न करें।
- आवेदन पत्र जमा करें: पूरा भरा हुआ आवेदन पत्र अपने नजदीकी समाज कल्याण कार्यालय में जमा करें।
- पेंशन प्राप्त करें: सफल सत्यापन के बाद, विभाग लाभार्थी के बैंक खाते में मासिक पेंशन जमा करेगा।
Contact Details
- Toll-free number to know pension status:- 1800 180 4094, 1800 180 4236
- Directorate of Social Welfare Contact Number:- 05946-297051
- Directorate of Social Welfare Helpdesk:- directorsocialwelfare@gmail.com
- Office Address:- Social welfare department
Manpur Purba, Rampur Road Haldwani,
Near Dainik Jagran/Amar Ujala Press Haldwani,
District-Nainital
Uttarakhand
उत्तराखंड में वृद्धावस्था पेंशन के लिए कौन पात्र है?
उत्तराखंड में वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित शर्तों पर आधारित है:
आयु सीमा: लाभार्थी की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। यदि व्यक्ति 80 वर्ष या उससे अधिक आयु का है, तो उसे अधिक राशि दी जाती है।
आय सीमा: पेंशन के लिए पात्र होने वाले व्यक्ति की वार्षिक पारिवारिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹48,000 और शहरी क्षेत्रों में ₹75,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
निवास: आवेदक उत्तराखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए।
अन्य योजनाओं का लाभ: अगर व्यक्ति किसी अन्य पेंशन योजना से पहले से लाभान्वित हो रहा है (जैसे सरकारी नौकरी की पेंशन), तो वह वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ नहीं उठा सकता।
आर्थिक स्थिति: यह योजना मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों के लिए है, लेकिन कुछ स्थानों पर गरीबी रेखा से ऊपर (APL) के परिवार भी पात्र हो सकते हैं, बशर्ते वे अन्य शर्तों को पूरा करते हों।
इस योजना के तहत वृद्ध नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे अपने जीवन के इस चरण में वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बने रहें।
उत्तराखंड में विधवा पेंशन क्या है?
उत्तराखंड में विधवा पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य की विधवा महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना उन महिलाओं के लिए बनाई गई है, जिनके पति का निधन हो चुका है और जिनके पास आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं है। इस योजना के तहत विधवाओं को मासिक पेंशन दी जाती है ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्य विशेषताएँ:
पात्रता: विधवा पेंशन के लिए आवेदन करने वाली महिला की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़: आवेदिका को पति के मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और बैंक खाता जानकारी जैसी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं।
पेंशन राशि: राज्य सरकार द्वारा तय की गई एक निश्चित राशि हर महीने विधवा महिलाओं के बैंक खाते में जमा की जाती है।
आवेदन प्रक्रिया: विधवा पेंशन के लिए आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से या संबंधित विभागीय कार्यालय में किया जा सकता है।
लक्ष्य: विधवा महिलाओं को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करके उनकी जीवन स्थिति में सुधार लाना।
यह योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित की जाती है और इसका उद्देश्य विधवा महिलाओं को गरीबी के चक्र से बाहर निकालने और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने में मदद करना है
उत्तराखंड में विकलांगता पेंशन कितनी है?
उत्तराखंड में विकलांगता पेंशन की राशि वर्तमान में ₹1,000 प्रति माह है। यह पेंशन उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनकी विकलांगता 40% या उससे अधिक होती है और जो पात्रता की अन्य शर्तें पूरी करते हैं। पेंशन के लिए पात्रता का निर्धारण संबंधित विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर किया जाता है, जिसे सरकारी चिकित्सा बोर्ड द्वारा प्रमाणित किया जाता है।
सरकार समय-समय पर इस राशि में बदलाव कर सकती है, इसलिए नई जानकारी के लिए स्थानीय सामाजिक कल्याण विभाग या आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट देखना चाहिए।
मैं उत्तराखंड में अपनी पेंशन कैसे चेक कर सकता हूँ?
उत्तराखंड में अपनी पेंशन चेक करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
1. उत्तराखंड ट्रेजरी वेबसाइट से चेक करें:
उत्तराखंड ट्रेजरी वेबसाइट पर जाएं।
वेबसाइट पर “पेंशनर कॉर्नर” या “Pensioner’s Corner” विकल्प पर क्लिक करें।
अपना पेंशन पीपीओ नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज करें।
इसके बाद, आपकी पेंशन की जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी।
2. पेंशन डिसबर्सिंग ऑफिस में संपर्क करें:
आप अपने निकटतम पेंशन डिसबर्सिंग ऑफिस (जैसे कि ट्रेजरी कार्यालय या बैंक) से संपर्क कर सकते हैं। वहां पर आप अपनी पेंशन की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
3. बैंक खाते से चेक करें:
जिस बैंक खाते में आपकी पेंशन आती है, वहां जाकर आप बैंक स्टेटमेंट के माध्यम से अपनी पेंशन की स्थिति चेक कर सकते हैं। यह जानकारी आप बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सेवा या मोबाइल ऐप से भी प्राप्त कर सकते हैं।
4. टोल-फ्री नंबर या हेल्पलाइन:
कुछ राज्यों में पेंशन से संबंधित जानकारी के लिए टोल-फ्री नंबर या हेल्पलाइन की सुविधा होती है। आप पेंशन विभाग की हेल्पलाइन से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रकार आप अपनी पेंशन की जानकारी आसानी से चेक कर सकते हैं।
Gulfam Qamar: India Sarkar Yojana
Gulfam Qamar has been instrumental in the implementation and management of various India Sarkar Yojana (Government of India Schemes) aimed at improving the socio-economic fabric of the country. These schemes encompass a broad spectrum of sectors, each designed to enhance the welfare and quality of life for the citizens of India. Key initiatives include:
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY): A financial inclusion program providing banking access to the unbanked.
Swachh Bharat Abhiyan: A nationwide cleanliness campaign focused on eliminating open defecation and promoting sanitation.
Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY): An affordable housing initiative for urban and rural poor.
Ayushman Bharat: A healthcare scheme offering comprehensive health coverage to economically vulnerable families.
Make in India: An initiative to turn India into a global manufacturing hub.
Digital India: A campaign to ensure government services are available electronically and improve internet connectivity.
Skill India: A program aimed at training millions of people in various skills to enhance employability.
Atmanirbhar Bharat: A self-reliance campaign promoting economic growth and reducing dependency on imports.
These initiatives, under the guidance of individuals like Gulfam Qamar, highlight the Government of India’s commitment to fostering development, inclusivity, and sustainability.