Mukhyamantri Baristha Bunakar & Karigara Sahayata Yojana 2024 | मुख्यमंत्री बरिष्ठ बुनकर एवं कारीगर सहायता योजना
Here is the intro on Mukhyamantri Baristha Bunakar & Karigara Sahayata Yojana 2024 | मुख्यमंत्री बरिष्ठ बुनकर एवं कारीगर सहायता योजना:
वेबसाइट
हथकरघा, कपड़ा और हस्तशिल्प विभाग ओडिशा की आधिकारिक वेबसाइट।
Benefits of Mukhyamantri Baristha Bunakar & Karigara Sahayata Yojana 2024 | मुख्यमंत्री बरिष्ठ बुनकर एवं कारीगर सहायता योजना
मुख्यमंत्री बरिष्ठ बुनकर और कारीगर सहायता योजना के तहत, लाभार्थियों को उनकी श्रेणी और उम्र के आधार पर सहायता प्राप्त होगी, जिसका विवरण इस प्रकार है; –
श्रेणी | आयु | मासिक सहायता (रुपये में) |
---|---|---|
महिला | 40 वर्ष से 80 वर्ष तक | 2,000/- |
पुरुष | 50 वर्ष से 80 वर्ष तक | 2,000/- |
पुरुष और महिला दोनों | 80 वर्ष या उससे अधिक आयु | 2,500/- |
Eligibility Criteria | पात्रता मापदंड
लाभार्थी को ‘मुख्यमंत्री बरिस्ता बुनकर और कारीगर सहायता योजना’ के लिए आवेदन करने से पहले पात्रता मानदंड अवश्य पढ़ना चाहिए।
पात्र (Eligible) | अपात्र (Not Eligible) |
---|---|
ओडिशा के स्थायी निवासी (Permanent resident of Odisha) | सरकारी कर्मचारी, आयकर दाता, और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी (Government employees, income tax payers, and retired government employees) |
बुनकर, और सहायक कर्मचारी का नाम नवीनतम सर्वेक्षण की अंतिम सूची में होना चाहिए | किसी भी आपराधिक अपराध के लिए दोषी ठहराए गए आवेदक (Applicants convicted of any criminal offense) |
जो आवेदक सूची में नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय/राज्य/कलाकृति/तंतुकृति पुरस्कार विजेता, या डिजाइन और मेरिट प्रमाण पत्र धारक हैं, वे भी पात्र हैं | किसी अन्य राज्य सरकार की योजना, जैसे मधुबाबू पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कलाकार सहायता योजना, या किसी केंद्र सरकार की योजना के तहत समान लाभ प्राप्त करने वाले आवेदक |
महिला बुनकर, सहायक कर्मचारी और हस्तशिल्प कारीगर 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के होने चाहिए, जबकि पुरुष आवेदक 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के होने चाहिए | प्रत्येक परिवार से केवल एक सदस्य ही योजना का लाभ उठा सकता है |
Documents Required | आवश्यक दस्तावेज़
मुख्यमंत्री बरिस्ता बुनकर और कारीगर सहायता योजना के लिए आवेदन करते समय आवेदकों को अपने निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे: –
- आधार कार्ड
- हाल ही में खिंचवाई गई पासपोर्ट साइज़ रंगीन तस्वीर
- बैंक पासबुक की स्व-प्रमाणित छायाप्रति
- तहसीलदार या राजस्व विभाग द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र
- भारत सरकार या ओडिशा सरकार द्वारा प्राप्त कोई भी पुरस्कार प्रमाण पत्र (यदि कोई हो)
- आवेदन पत्र के साथ संलग्न एक स्व-घोषणा पत्र
Important Links
How to apply | आवेदन कैसे करें
- HT&H विभाग द्वारा पोर्टल का निर्माण: पात्र आवेदक इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन जमा करने के लिए एक समर्पित पोर्टल HT&H विभाग द्वारा अभी विकसित किया जाना है।
- पोर्टल पर आवेदन: पोर्टल चालू होने के बाद, आवेदकों को इसे देखना होगा।
- आवेदन लिंक का चयन: पोर्टल के होम पेज से, आवेदकों को “ओडिशा मुख्यमंत्री बरिष्ठ बुनकर और कारीगर सहायता योजना” आवेदन लिंक का चयन करना होगा।
- आवेदन पत्र भरना: आवेदन पत्र में मांगी गई जानकारी को जमा करें।
- दस्तावेज अपलोड करना: आवश्यक दस्तावेजों को निर्दिष्ट प्रारूप में अपलोड करें।
- स्व-घोषणा पत्र अपलोड करना: साथ ही, स्व-घोषणा पत्र भी अपलोड करें।
- आवेदन की जांच: जमा किया गया आवेदन जांच प्रक्रिया से गुजरेगा।
- जिला स्तरीय चयन समिति के समक्ष प्रस्तुति: जांच के बाद, योग्य आवेदन जिला स्तरीय चयन समिति के समक्ष रखा जाएगा।
- अंतिम सूची का निर्माण: समिति द्वारा आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद, आवेदकों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी।
Contact Details
ओडिशा हथकरघा, कपड़ा और हस्तशिल्प विभाग का दूरभाष क्रमांक: 0674-2322785कपड़ा और हथकरघा निदेशालय हेल्पडेस्क: hthdepartment@gmail.comहथकरघा, कपड़ा और हस्तशिल्प विभाग, लोकसेवा भवन, भुवनेश्वर-751001, ओडिशा
समूह में कितना ब्याज लगता है?
समूह में ब्याज दर आमतौर पर उस संगठन या वित्तीय संस्था पर निर्भर करती है जो समूह को संचालित करती है। ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जब लोग चिट फंड या सहकारी समिति जैसे समूहों में पैसे जमा करते हैं, तो ब्याज दरें अलग-अलग हो सकती हैं। कुछ समूह ऋण लेने वालों से मासिक या वार्षिक आधार पर ब्याज वसूलते हैं, जो कि 1% से 5% मासिक तक हो सकता है, जबकि कुछ समूहों में यह दर 12% से 30% वार्षिक भी हो सकती है।
यह जरूरी है कि समूह के नियम और शर्तों को ध्यानपूर्वक समझें, क्योंकि प्रत्येक समूह की ब्याज दरें और शुल्क अलग-अलग हो सकते हैं।
समूह के क्या फायदे हैं?
समूह के कई फायदे होते हैं, जो व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तर पर महत्वपूर्ण होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं:
साझा ज्ञान और अनुभव: समूह में विभिन्न सदस्य अपने-अपने अनुभव और ज्ञान साझा करते हैं, जिससे सभी को नई जानकारी और दृष्टिकोण प्राप्त होते हैं।
समर्थन और प्रेरणा: समूह के सदस्य एक-दूसरे का समर्थन करते हैं और कठिनाइयों के समय प्रेरणा प्रदान करते हैं, जिससे समस्याओं का समाधान आसान हो जाता है।
समस्याओं का बेहतर समाधान: समूह में विचार-विमर्श और चर्चा से समस्याओं के लिए बेहतर और रचनात्मक समाधान निकलते हैं, क्योंकि अलग-अलग दृष्टिकोण सामने आते हैं।
सामाजिक संबंधों में सुधार: समूह में काम करने से सामाजिक संबंध और नेटवर्किंग में सुधार होता है, जिससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में मदद मिलती है।
समान लक्ष्यों पर ध्यान: जब लोग समान लक्ष्यों के लिए एक साथ काम करते हैं, तो लक्ष्य प्राप्ति की प्रक्रिया अधिक संगठित और प्रभावी होती है।
संसाधनों का साझा उपयोग: समूह के सदस्य एक-दूसरे के संसाधनों, संपर्कों और विशेषज्ञता का उपयोग कर सकते हैं, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होती है।
निर्णय लेने में सहायता: समूह में बहस और चर्चा से बेहतर और सूचित निर्णय लिए जा सकते हैं, क्योंकि कई दृष्टिकोण सामने आते हैं।
समूह कार्य से व्यक्तिगत और समूह दोनों के विकास के अवसर बढ़ते हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
समूह का खाता कैसे खुलता है?
समूह का खाता खोलने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है:
बैंक का चयन: सबसे पहले उस बैंक का चयन करें जिसमें आप समूह का खाता खोलना चाहते हैं। सुनिश्चित करें कि बैंक की नीतियां और सुविधाएं समूह खातों के लिए अनुकूल हों।
आवेदन पत्र भरना: बैंक द्वारा दिया गया आवेदन पत्र लें और उसमें समूह के सभी सदस्यों की जानकारी भरें। इसमें समूह का नाम, पता, सदस्य संख्या, और अन्य महत्वपूर्ण विवरण होते हैं।
समूह के सदस्यों की पहचान: बैंक आमतौर पर समूह के सभी सदस्यों की पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, आदि) की मांग करता है। हर सदस्य की फोटो और पहचान प्रमाण देना आवश्यक होता है।
समूह का प्रस्ताव: समूह के सदस्यों को एक प्रस्ताव देना होता है, जिसमें यह निर्णय होता है कि समूह का कौन सदस्य खाता संचालित करेगा। उस सदस्य की भूमिका बैंक में अधिकृत होती है।
समूह का रजिस्ट्रेशन: कुछ मामलों में, समूह का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होता है। आपको समूह का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बैंक में जमा करना पड़ सकता है।
समूह का चार्टर (या नियमावली): बैंक को समूह के चार्टर या नियमावली की एक प्रति जमा करनी पड़ती है, जिसमें समूह के उद्देश्यों, नियमों और संचालन प्रक्रिया का उल्लेख होता है।
प्रारंभिक जमा: बैंक द्वारा निर्दिष्ट न्यूनतम जमा राशि (Minimum Deposit) जमा करनी होती है। यह राशि बैंक के नियमों पर निर्भर करती है।
अन्य दस्तावेज़: बैंक द्वारा मांगे गए अन्य दस्तावेज़ जैसे कि समूह की आय के स्रोत, सदस्यता प्रमाणपत्र, आदि भी आवश्यक हो सकते हैं।
खाते की स्वीकृति: सभी दस्तावेज़ जमा करने और जांच करने के बाद बैंक आपका खाता स्वीकृत करेगा और आपको खाता संख्या, चेकबुक, और अन्य सुविधाएं प्रदान करेगा।
समूह का खाता सफलतापूर्वक खुलने के बाद, समूह के नियमानुसार खाते का संचालन किया जा सकता है।
स्वयं सहायता समूह कैसे शुरू करें?
स्वयं सहायता समूह शुरू करना एक बेहतरीन तरीका है जिससे लोग एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं और सामूहिक रूप से समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण कदम शामिल होते हैं:
1. समूह का उद्देश्य तय करें
सबसे पहले यह स्पष्ट करें कि आपका समूह किस समस्या या उद्देश्य के लिए बनाया जा रहा है। यह स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, व्यसन, वित्तीय प्रबंधन, या किसी अन्य मुद्दे से संबंधित हो सकता है।
2. लक्ष्य समूह की पहचान करें
समूह किन लोगों की मदद के लिए बनाया जा रहा है, इसका निर्धारण करें। उदाहरण के लिए, अगर समूह मानसिक स्वास्थ्य के लिए है, तो उन लोगों पर ध्यान दें जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
3. समूह का ढांचा तय करें
यह तय करें कि आपका समूह कैसे काम करेगा। क्या यह अनौपचारिक होगा, या आप एक औपचारिक संरचना बनाना चाहेंगे? आप यह भी तय कर सकते हैं कि समूह के सदस्य कितने नियमित रूप से मिलेंगे और कौन से मुद्दे हर बैठक में चर्चा किए जाएंगे।
4. संचालन का तरीका बनाएं
समूह की बैठकें कैसे आयोजित होंगी? समय, स्थान, और बैठक की आवृत्ति तय करें। आप वर्चुअल मीटिंग (जैसे ज़ूम या व्हाट्सएप ग्रुप) का भी विकल्प चुन सकते हैं।
5. सदस्यों को जोड़ें
उन लोगों से संपर्क करें जो आपके समूह में शामिल होने के इच्छुक हो सकते हैं। आप सोशल मीडिया, स्थानीय समुदायों, या व्यक्तिगत नेटवर्क के माध्यम से सदस्यों की खोज कर सकते हैं।
6. समूह की बैठकों की योजना बनाएं
हर बैठक के लिए एक एजेंडा तैयार करें ताकि चर्चा संगठित और प्रभावी हो। एजेंडा में ऐसे मुद्दों का उल्लेख करें जिन्हें सुलझाने के लिए समूह इकट्ठा हो रहा है।
7. नियम और अनुशासन तय करें
समूह में अनुशासन और गोपनीयता का ध्यान रखना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करें कि सभी सदस्य एक-दूसरे का सम्मान करें और गोपनीय जानकारी को समूह के बाहर साझा न करें।
8. समर्थन और संसाधनों की व्यवस्था करें
अपने समूह को सफल बनाने के लिए संसाधनों की आवश्यकता हो सकती है, जैसे विशेषज्ञ सलाह, पुस्तकें, या ऑनलाइन सामग्री। इन्हें सदस्यों के साथ साझा करें ताकि वे अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें।
9. समीक्षा और सुधार करें
समय-समय पर समूह की प्रगति की समीक्षा करें और देखें कि क्या कोई सुधार की आवश्यकता है। इससे समूह की प्रभावशीलता बढ़ेगी।
10. प्रोत्साहन और प्रेरणा दें
समूह के सदस्यों को निरंतर प्रोत्साहित करते रहें ताकि वे सक्रिय और प्रेरित रहें। उन्हें यह याद दिलाना जरूरी है कि वे अकेले नहीं हैं और एक-दूसरे की मदद से वे अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
स्वयं सहायता समूह शुरू करने के लिए धैर्य और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। लेकिन एक बार जब समूह चलना शुरू हो जाता है, तो यह लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
Dhruv Sharma is a dedicated content creator and the author behind Yojana World. With a passion for empowering individuals through information, Dhruv specializes in writing about government schemes and services in India.