Himachal Pradesh Rehabilitation Allowance to Lepers | कुष्ठरोगियों को हिमाचल प्रदेश पुनर्वास भत्ता
Here is the intro Himachal Pradesh Rehabilitation Allowance to Lepers | कुष्ठरोगियों को हिमाचल प्रदेश पुनर्वास भत्ता:
- कुष्ठ रोग एक गंभीर बीमारी: कुष्ठ रोग एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है जो स्थायी विकलांगता का कारण बन सकती है।
- उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
- अन्य नाम: इस योजना को “हिमाचल प्रदेश कुष्ठ रोग पेंशन योजना” या “हिमाचल प्रदेश कुष्ठ रोगियों को वित्तीय सहायता” या “हिमाचल प्रदेश कुष्ठ रोगी पेंशन योजना” आदि नामों से भी जाना जाता है।
- नोडल विभाग: इस योजना का नोडल विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार का समाज कल्याण और अधिकारिता विभाग है।
- मासिक वित्तीय सहायता:
- पुरुष लाभार्थी (70 वर्ष से कम आयु): ₹1,000/- प्रति माह
- पुरुष लाभार्थी (70 वर्ष से अधिक आयु): ₹1,500/- प्रति माह
- महिला लाभार्थी: ₹1,500/- प्रति माह
- विकलांग लाभार्थी (70 वर्ष से अधिक आयु): ₹1,500/- प्रति माह
वेबसाइट
Benefits of Himachal Pradesh Rehabilitation Allowance to Lepers | कुष्ठरोगियों को हिमाचल प्रदेश पुनर्वास भत्ता
हिमाचल प्रदेश के निवासी जो कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं, उन्हें हिमाचल सरकार की कुष्ठ रोगी पुनर्वास भत्ता योजना के तहत सरकार से निम्नलिखित वित्तीय सहायता मिलेगी:-
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- रु. पुरुष लाभार्थी को 1,000/- प्रति माह।
- रु. यदि आयु 70 वर्ष से अधिक है तो पुरुष लाभार्थी को 1,500/- प्रति माह।
- रु. महिला लाभार्थी को 1,500/- प्रति माह।
- रु. 70 वर्ष से अधिक आयु के उन पुरुष और महिला लाभार्थियों को 1,500/- प्रति माह, जो कुष्ठ रोग के कारण अक्षम हो गए।
Eligibility | पात्रता
- आवेदक हिमाचल प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
- आवेदक कुष्ठ रोग से पीड़ित होना चाहिए।
- आवेदक का उपचार स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा हो।
Important Links
UP Mukhyamantri Khet Surakhsha Yojana
Mahatma Jyotirao Phule Jan Arogya Yojana
Documents Required | आवश्यक दस्तावेज़
हिमाचल प्रदेश कुष्ठ रोगियों के पुनर्वास भत्ते के तहत मासिक वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:-
- हिमाचल प्रदेश का निवास प्रमाण
- आधार कार्ड
- ईमेल आईडी
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाते का विवरण
- पासपोर्ट आकार का फोटो
- कुष्ठ रोग के चल रहे उपचार का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
How to Apply for Himachal Pradesh Rehabilitation Allowance to Lepers | आवेदन कैसे करें
- ऑफ़लाइन आवेदन: कुष्ठ रोगी हिमाचल प्रदेश पुनर्वास भत्ता योजना के तहत पेंशन के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन पत्र उपलब्धता: आवेदन पत्र निम्नलिखित कार्यालयों में उपलब्ध है:
- जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय
- जिला तहसील कार्यालय
- आवेदन प्रक्रिया:
- आवेदन पत्र को ध्यानपूर्वक भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेजों को आवेदन पत्र के साथ संलग्न करें।
- आवेदन पत्र और दस्तावेजों को उसी कार्यालय में जमा करें जहाँ से आवेदन पत्र प्राप्त किया गया था।
- आवेदन की समीक्षा:
- आवेदन पत्र और दस्तावेजों की संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा जाँच की जाएगी।
- प्रारंभिक सत्यापन जिला कल्याण अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
- चयनित लाभार्थियों की सूची:
- सत्यापन के बाद, चयनित लाभार्थियों की सूची जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय या जिला तहसील कार्यालय में उपलब्ध होगी।
- चयनित लाभार्थियों को उनके मोबाइल फोन पर एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
- मासिक पेंशन का भुगतान:
- चयनित लाभार्थियों के बैंक खाते में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मासिक पेंशन सीधे जमा की जाएगी।
FAQS
हिमाचल प्रदेश पुनर्वास भत्ता क्या है और यह किसे प्रदान किया जाता है?
हिमाचल प्रदेश पुनर्वास भत्ता एक सरकारी योजना है, जो राज्य के कुष्ठरोग से पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य कुष्ठरोगियों की आजीविका में सुधार और उनके पुनर्वास में मदद करना है।
इस भत्ते के लिए कौन पात्र है और आवेदन कैसे किया जा सकता है?
वे सभी व्यक्ति जो हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं और कुष्ठरोग से पीड़ित हैं, इस भत्ते के पात्र हैं। इसके लिए आवेदन संबंधित सामाजिक कल्याण विभाग या स्वास्थ्य केंद्रों में किया जा सकता है, जहाँ आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होते हैं।
इस योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि कितनी होती है?
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार प्रत्येक पात्र कुष्ठरोगी को मासिक भत्ता प्रदान करती है। भत्ते की सटीक राशि सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और समय-समय पर इसमें बदलाव हो सकता है।
Dhruv Sharma is a dedicated content creator and the author behind Yojana World. With a passion for empowering individuals through information, Dhruv specializes in writing about government schemes and services in India.