Himachal Pradesh Disability Pension Yojana/Scheme PDF Form | हिमाचल प्रदेश विकलांगता पेंशन योजना
Here is the intro on Himachal Pradesh Disability Pension Yojana/Scheme PDF Form | हिमाचल प्रदेश विकलांगता पेंशन योजना:
- उद्देश्य: हिमाचल प्रदेश में ऐसे बहुत से दिव्यांगजन हैं जो अपनी आजीविका के लिए स्वयं कमाने में सक्षम नहीं हैं। इस योजना का उद्देश्य उनकी आय को स्थिर करना और उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
- कार्यान्वयन विभाग: इस योजना का कार्यान्वयन हिमाचल प्रदेश सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग करता है।
- अन्य नाम: इस योजना को “हिमाचल प्रदेश दिव्यांग राहत भत्ता योजना,” “हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना,” या “हिमाचल प्रदेश निःशक्तता राहत भत्ता योजना” के नाम से भी जाना जाता है।
- मासिक पेंशन: इस योजना के तहत सभी पात्र दिव्यांगजनों को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी।
- पेंशन राशि: पेंशन की राशि लाभार्थी के लिंग और विकलांगता प्रतिशत के अनुसार अलग-अलग होगी।
- 40% से अधिक लेकिन 69% से कम विकलांगता वाले पुरुष लाभार्थी को ₹1,150/- प्रति माह पेंशन मिलेगी।
- 40% से अधिक लेकिन 69% से कम विकलांगता वाली महिला लाभार्थी को ₹1,500/- प्रति माह पेंशन मिलेगी।
- 70% से अधिक विकलांगता वाले लाभार्थियों को उनके लिंग के बावजूद ₹1,700/- प्रति माह पेंशन मिलेगी।
- मानसिक रूप से अविकसित व्यक्ति: मानसिक रूप से अविकसित व्यक्ति भी इस योजना के तहत मासिक पेंशन के पात्र हैं।
- 40% से कम विकलांगता: 40% से कम विकलांगता वाले व्यक्ति इस योजना के तहत पेंशन के पात्र नहीं हैं।
- हिमाचल प्रदेश दिव्यांग पेंशन योजना: महत्वपूर्ण बिंदु
- आय या आयु सीमा नहीं: इस योजना का लाभ उठाने के लिए कोई न्यूनतम या अधिकतम आय सीमा या आयु सीमा निर्धारित नहीं है।
- ऑफलाइन आवेदन: वर्तमान में हिमाचल प्रदेश दिव्यांग पेंशन योजना के लिए कोई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया उपलब्ध नहीं है।
- आवेदन पत्र: लाभार्थी किसी भी जिला समाज कल्याण विभाग कार्यालय से ऑफलाइन आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं और उसे भरकर जमा कर सकते हैं।

Benefits of Himachal Pradesh Disability Pension Yojana/Scheme PDF Form | हिमाचल प्रदेश विकलांगता पेंशन योजना
- विकलांगता पेंशन योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के सभी पात्र विकलांग/विकलांग लोगों को प्रति माह पेंशन के रूप में निम्नलिखित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी:-
लिंग | विकलांगता प्रतिशत | पेंशन राशि (प्रति माह) |
---|---|---|
पुरुष | 40% से 69% | ₹1,150/- |
महिला | 40% से 69% | ₹1,500/- |
पुरुष | 70% या अधिक | ₹1,700/- |
महिला | 70% या अधिक | ₹1,700/- |
Important Links
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Eligibility | पात्रता
- स्थायी निवास: दिव्यांग लाभार्थी हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- दिव्यांगता प्रतिशत: लाभार्थी की दिव्यांगता 40% या उससे अधिक होनी चाहिए।
- मानसिक रूप से अविकसित व्यक्ति: मानसिक रूप से अविकसित व्यक्ति भी इस पेंशन योजना के लिए पात्र हैं।
Documents Required | आवश्यक दस्तावेज़
हिमाचल प्रदेश सरकार की विकलांगता पेंशन योजना के तहत मासिक विकलांगता पेंशन के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की अनिवार्य रूप से आवश्यकता होती है:-
- आधार कार्ड
- आयु प्रमाण पत्र
- विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक खाते की जानकारी
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट आकार का फोटो
- ईमेल आईडी (यदि उपलब्ध हो)
सूचना विवरणिका
हिमाचल प्रदेश दिव्यांग राहत भत्ता योजना दिशानिर्देश।
How to Apply | आवेदन कैसे करें
- ऑफलाइन आवेदन: विकलांग लाभार्थी हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना के तहत मासिक पेंशन के लिए ऑफलाइन आवेदन पत्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन पत्र की उपलब्धता: आवेदन पत्र निम्नलिखित कार्यालयों से निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है:
- जिला तहसील कार्यालय
- पंचायत कार्यालय
- जिला समाज कल्याण विभाग कार्यालय
- आवेदन प्रक्रिया:
- आवेदन पत्र को सही ढंग से भरें।
- आवश्यक दस्तावेजों को आवेदन पत्र के साथ संलग्न करें।
- आवेदन पत्र को उसी कार्यालय में जमा करें जहां से इसे प्राप्त किया गया था।
- आवेदन की समीक्षा: आवेदन पत्र और सभी दस्तावेजों की जांच जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा की जाएगी।
- सूचना: लाभार्थी को चयन होने पर एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
- आवेदन की स्थिति: लाभार्थी जिला समाज कल्याण कार्यालय में जाकर अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
- ऑनलाइन आवेदन: वर्तमान में इस योजना के लिए कोई ऑनलाइन आवेदन पत्र उपलब्ध नहीं है।
Amount | मात्रा
हिमाचल प्रदेश में दिव्यांगजन पेंशन योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि दिव्यांगता की श्रेणी पर निर्भर करती है। 40% से 60% दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को ₹1200 प्रतिमाह, 60% से 80% दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को ₹1500 प्रतिमाह और 80% से अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को ₹1800 प्रतिमाह पेंशन मिलती है। इसके अलावा, कुछ विशेष मामलों में अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाती है। अधिक जानकारी के लिए आप हिमाचल प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट या कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।tunesharemore_vert
हिमाचल में विकलांग पेंशन कितनी है?
हिमाचल प्रदेश में विकलांग पेंशन योजना के तहत दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक सहायता दी जाती है। वर्तमान में, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विकलांग पेंशन के रूप में ₹1,300 प्रति माह प्रदान किए जाते हैं। इस पेंशन का लाभ उठाने के लिए आवेदक को 40% या उससे अधिक की दिव्यांगता होनी चाहिए और उसकी आय तय सीमा से कम होनी चाहिए।
यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपनी आजीविका के लिए दूसरों पर निर्भर हैं, और इसका उद्देश्य उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना है। पात्रता शर्तों के तहत आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, और उसका नाम बीपीएल सूची में होना चाहिए या आय निर्धारित मानक के अंतर्गत होनी चाहिए।
हिमाचल में बुढ़ापा पेंशन कब मिलेगी?
हिमाचल प्रदेश में बुढ़ापा पेंशन योजना के तहत पात्र नागरिकों को पेंशन दी जाती है। इसके लिए कुछ मुख्य शर्तें और नियम होते हैं:
आयु: पुरुषों और महिलाओं के लिए आयु सीमा अलग-अलग है। आम तौर पर, महिलाओं को 60 वर्ष की आयु के बाद और पुरुषों को 65 वर्ष की आयु के बाद इस पेंशन का लाभ मिलता है।
आय सीमा: इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी की वार्षिक आय राज्य द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर होनी चाहिए। इस सीमा को राज्य सरकार समय-समय पर संशोधित करती रहती है।
दस्तावेज़: बुढ़ापा पेंशन के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आयु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, और परिवार आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
आवेदन प्रक्रिया: पेंशन के लिए आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन, ग्राम पंचायत या निकटतम सामाजिक कल्याण कार्यालय में किया जा सकता है।
अगर सभी शर्तें पूरी होती हैं, तो आवेदन स्वीकृत होने के बाद पेंशन का भुगतान शुरू कर दिया जाता है। पेंशन का भुगतान आम तौर पर मासिक रूप से किया जाता है।
हिमाचल में सामाजिक सुरक्षा पेंशन कितनी है?
हिमाचल प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि इस प्रकार है:
वृद्धावस्था पेंशन: 60 से 69 वर्ष की उम्र वालों को ₹850 प्रति माह और 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र वालों को ₹1,500 प्रति माह दी जाती है।
विधवा पेंशन: पात्र विधवाओं को ₹850 प्रति माह मिलती है।
दिव्यांग पेंशन: 40% या उससे अधिक दिव्यांगता वाले लोगों को ₹850 प्रति माह मिलती है, जबकि 70% या उससे अधिक दिव्यांगता वाले लोगों को ₹1,500 प्रति माह दी जाती है।
विकलांगता और बधिरता पेंशन: जिन व्यक्तियों को अधिक विकलांगता है, उन्हें ₹1,500 प्रति माह दी जाती है।
यह पेंशन राज्य सरकार द्वारा दी जाती है ताकि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सहायता मिल सके।
विकलांग पेंशन 1000 कब से मिलेगी राजस्थान में?
राजस्थान में विकलांग पेंशन बढ़ाकर ₹1000 प्रति माह कर दी गई है। यह पेंशन उन पूर्ण रूप से विकलांग व्यक्तियों को दी जाएगी जो इस योजना के पात्र हैं। पहले यह पेंशन ₹750 से शुरू होती थी, लेकिन अब विभिन्न आयु समूहों के अनुसार इसे बढ़ा दिया गया है। 60 से 74 वर्ष की आयु वाले विकलांग व्यक्तियों को ₹1000 मासिक पेंशन मिलेगी, जबकि 75 वर्ष से अधिक आयु वालों को ₹1500 प्रति माह तक की सहायता मिलेगी।
यह फैसला राजस्थान सरकार द्वारा 2023-24 वित्तीय वर्ष के बजट के तहत लिया गया था, जिसमें विकलांग व्यक्तियों के लिए पेंशन राशि में वृद्धि की घोषणा की गई थी। योजना का लाभ राज्य के लगभग 21,717 पूर्ण रूप से विकलांग व्यक्तियों को मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए आप राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।

Gulfam Qamar: India Sarkar Yojana
Gulfam Qamar has been instrumental in the implementation and management of various India Sarkar Yojana (Government of India Schemes) aimed at improving the socio-economic fabric of the country. These schemes encompass a broad spectrum of sectors, each designed to enhance the welfare and quality of life for the citizens of India. Key initiatives include:
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY): A financial inclusion program providing banking access to the unbanked.
Swachh Bharat Abhiyan: A nationwide cleanliness campaign focused on eliminating open defecation and promoting sanitation.
Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY): An affordable housing initiative for urban and rural poor.
Ayushman Bharat: A healthcare scheme offering comprehensive health coverage to economically vulnerable families.
Make in India: An initiative to turn India into a global manufacturing hub.
Digital India: A campaign to ensure government services are available electronically and improve internet connectivity.
Skill India: A program aimed at training millions of people in various skills to enhance employability.
Atmanirbhar Bharat: A self-reliance campaign promoting economic growth and reducing dependency on imports.
These initiatives, under the guidance of individuals like Gulfam Qamar, highlight the Government of India’s commitment to fostering development, inclusivity, and sustainability.