Mukhyamantri Laghu Sinchayi Yojana | मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना

Here is the intro of Mukhyamantri Laghu Sinchayi Yojana | मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना

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मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना

  1. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना का उद्देश्य किसानों को निजी सिंचाई सुविधा प्रदान करना है।
  2. योजना के अंतर्गत किसानों को सौर्य ऊर्जा और सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
  3. नलकूपों के निर्माण के लिए योजना में तीन विभिन्न गहराई के विकल्प मौजूद हैं, जो किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार विकल्प चुनने की सुविधा प्रदान करते हैं।
  4. योजना से लाभ लेने के लिए किसानों का पंजीकरण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना या पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल पर अनिवार्य है।
  5. योजना के अंतर्गत किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं, जिसमें बोरिंग हेतु आवेदन उत्तर प्रदेश जल जीवन मिशन के पोर्टल पर किया जाएगा।
  6. योजना उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में लागू है और इसके अंतर्गत अनुदान के अतिरिक्त व्यय किसान द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा।
Mukhyamantri Laghu Sinchayi Yojana

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए पात्रता | Eligibility for Chief Minister’s Minor Irrigation Scheme

यहाँ पर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए हिन्दी में प्रस्तुत कुछ महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदु हैं:

  1. किसान योजना का लाभ उठाने के लिए उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।
  2. किसान के नाम पर कृषि योग्य भूमि खाते में दर्ज होनी चाहिए।
  3. किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना या पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल में पंजीकृत होना आवश्यक है।

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Read Previous Post: Pocra Yojana Maharashtra Registration and Village List PDF : पोखरा योजना Online Form

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना का लाभ लेने के लिए आवशयक दस्तावेज | Documents required to avail the benefits of Chief Minister’s Minor Irrigation Scheme

यहाँ पर मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए हिन्दी में प्रस्तुत कुछ महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदु हैं:

  1. आधार कार्ड की प्रति।
  2. नवीनतम खतौनी 61(ख) की प्रति।
  3. पासपोर्ट साइज फोटो।
  4. स्कैन किए हुए हस्ताक्षर।
  5. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पंजीकरण संख्या या पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल पंजीकरण संख्या में से किसी एक की संख्या।
  6. शपथपत्र की स्कैन कॉपी।
  7. मोबाइल नंबर।
  8. बैंक खाता और पासबुक की प्रति।
  9. 100 रुपए का स्टाम्प।

इन दस्तावेजों और जानकारियों की सहीता से आवेदन पूरा किया जा सकता है।

Mukhyamantri Laghu Sinchayi Yojana

उप योजनाओं का संक्षिप्त विवरण | Brief Description of Sub Schemes

यहां उत्तर प्रदेश में लघु और सीमांत किसानों के लिए उथले नलकूप फ्री बोरिंग योजना के बारे में मुख्य पॉइंट्स हैं:

  1. योजना का उद्देश्य सिंचाई की सुविधा को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को उत्पादन में मदद मिले।
  2. योजना केवल लघु और सीमांत किसानों के लिए है।
  3. बोरिंग के लिए लघु किसानों को 5,000 रुपये, सीमांत किसानों को 7,000 रुपये, और अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 10,000 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
  4. पम्पसेट के लिए लघु किसानों को 4,500 रुपये, सीमांत किसानों को 6,000 रुपये, और अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 9,000 रुपये का अनुदान।
  5. किसानों को सिंचाई के लिए पाइप सिस्टम हेतु 3,000 रुपये का अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।

संपर्क करने का विवरण | Contact Details of Mukhyamantri Laghu Sinchayi Yojana

यहां लघु सिंचाई विभाग के संपर्क सूत्रों के मुख्य पॉइंट्स हैं:

  1. हेल्पलाइन नंबर:
    • 0522 2286627
    • 0522 2286601
    • 0522 2286670
  2. हेल्पलाइन ईमेल: milu-up@nic.in
  3. फैक्स नंबर: 0522 2286932
  4. पता: लघु सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश, तृतीय तल, उत्तर विंग, जवाहर भवन, लखनऊ 226001

लघु सिंचाई योजना में उत्तर प्रदेश के बाद कौन सा राज्य है?

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी छठी लघु सिंचाई जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, लघु सिंचाई योजनाओं की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र दूसरा स्थान रखता है।
रिपोर्ट के अनुसार:
भारत में कुल 23.14 मिलियन लघु सिंचाई योजनाएं हैं।
इनमें से 94.8% भूजल योजनाएं हैं और 5.2% सतही जल योजनाएं हैं।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक लघु सिंचाई योजनाएं हैं, जिनकी संख्या लगभग 4.1 मिलियन है।
महाराष्ट्र में 3.3 मिलियन लघु सिंचाई योजनाएं हैं।
मध्य प्रदेश और तमिलनाडु क्रमशः 2.5 मिलियन और 2.3 मिलियन लघु सिंचाई योजनाओं के साथ तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह रिपोर्ट 2017-18 के आंकड़ों पर आधारित है।
अतिरिक्त जानकारी:
लघु सिंचाई योजनाओं में खोदे गए कुएं, कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल शामिल हैं।
सतही जल योजनाओं में सतही प्रवाह और सर्फेस लिफ्ट योजनाएं शामिल हैं।
सूत्र:
जल शक्ति मंत्रालय: https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1952527
Jagran News: https://www.jagran.com/news/national-irrigation-means-increased-by-14-lakhs-but-dependence-on-ground-water-remained-uttar-pradesh-is-at-the-forefront-of-these-schemes-23514550.html
Utkarsh Classes: https://utkarsh.com/hi/current-affairs/2314-million-minor-irrigation-scheme-in-india-6th-minor-irrigation-census-report
यह भी देखें:
भारत में लघु सिंचाई योजनाओं का राज्यवार वितरण: [अमान्य यूआरएल हटाया गया]

यूपी बोरिंग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

यूपी में बोरिंग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें:
1. वेबसाइट पर जाएं:
सबसे पहले, आपको उत्तर प्रदेश भूजल विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://minorirrigationup.gov.in/StaticPages/Scheme-hi.aspx
पर जाना होगा।
2. रजिस्ट्रेशन करें:
वेबसाइट पर “नया रजिस्ट्रेशन” बटन पर क्लिक करें। अपना आधार कार्ड नंबर, नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल पता दर्ज करें। एक पासवर्ड भी सेट करें।
3. आवेदन पत्र भरें:
लॉगिन करने के बाद, “ऑनलाइन आवेदन” टैब पर क्लिक करें। आवश्यक जानकारी जैसे कि किसान का नाम, पता, खसरा/खतौनी संख्या, फसल का प्रकार, आदि दर्ज करें।
4. दस्तावेज अपलोड करें:
आधार कार्ड, खसरा/खतौनी की प्रति, और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन प्रतियां अपलोड करें।
5. शुल्क का भुगतान करें:
आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करें।
6. जमा करें:
सभी जानकारी और दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद, आवेदन पत्र जमा करें।
7. स्वीकृति की जांच करें:
कुछ समय बाद, आप अपने आवेदन की स्थिति को वेबसाइट पर ट्रैक कर सकते हैं। यदि स्वीकृत होता है, तो आपको एक भूजल जांच रिपोर्ट प्राप्त होगी।
8. बोरिंग:
रिपोर्ट के आधार पर, भूजल विभाग आपके खेत में बोरिंग करेगा।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
यह योजना केवल किसानों के लिए उपलब्ध है।
आवेदन करने से पहले पात्रता मानदंडों को ध्यान से पढ़ें।
सभी दस्तावेज सही और अद्यतित होने चाहिए।
समय पर शुल्क का भुगतान करें।
अतिरिक्त जानकारी:
यूपी मुफ्त बोरिंग योजना हेल्पलाइन: 1800-180-6616
वेबसाइट: https://minorirrigationup.gov.in/StaticPages/Scheme-hi.aspx
यह जानकारी आपको यूपी में बोरिंग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने में मदद करेगी।

यूपी फ्री बोरिंग योजना क्या है?

उत्तर प्रदेश मुफ्त बोरिंग योजना किसानों को उनकी भूमि पर सिंचाई के लिए बोरवेल (नलकूप) खुदवाने में मदद करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
योजना के तहत, सरकार निम्नलिखित अनुदान प्रदान करती है:
सामान्य श्रेणी के किसान: ₹5,000
सीमांत किसान: ₹7,000
एससी/एसटी किसान: ₹10,000
योजना के लाभार्थी:
उत्तर प्रदेश के निवासी
लघु और सीमांत किसान
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) किसान
जिनके पास अपनी भूमि है
आवेदन कैसे करें:
किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन के लिए, किसानों को उत्तर प्रदेश लघु सिंचाई विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा।
ऑफलाइन आवेदन के लिए, किसान अपने निकटतम लघु सिंचाई विभाग कार्यालय में जा सकते हैं।
योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए:
उत्तर प्रदेश लघु सिंचाई विभाग की वेबसाइट पर जाएँ: https://pmmodiyojana.in/up-nishulk-boring-yojana-2/
टोल-फ्री नंबर: 1800-180-6616
मुख्य बातें:
यह योजना किसानों को सिंचाई के लिए बोरवेल खुदवाने में आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
यह योजना उत्तर प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों, एससी/एसटी किसानों के लिए फायदेमंद है।
किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
बोरवेल खुदवाने के लिए आवेदन करने से पहले, किसानों को भूजल सर्वेक्षण करवाना होगा।
सरकार द्वारा अनुमोदित ठेकेदारों द्वारा ही बोरवेल का निर्माण किया जाना चाहिए।
बोरवेल के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए ही किया जाना चाहिए।
यह योजना उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए सिंचाई सुविधाओं तक पहुंच को बेहतर बनाने और उनकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है

सिंचाई विभाग का क्या काम होता है?

सिंचाई विभाग के मुख्य कार्य:
सिंचाई व्यवस्था का प्रबंधन: नहरों, बांधों, कुओं और ट्यूबवेलों जैसे सिंचाई के बुनियादी ढांचे का निर्माण, रखरखाव और संचालन करना।
जल संसाधनों का विकास: भूजल और सतही जल के स्रोतों का पता लगाना, उनका मूल्यांकन करना और उनका विकास करना।
बाढ़ नियंत्रण: बाढ़ से बचाव के लिए बांधों, तटबंधों और जल निकासी प्रणालियों का निर्माण और रखरखाव करना।
जल संरक्षण: जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा देना, जैसे कि वर्षा जल संचयन और टपक सिंचाई।
किसानों को सहायता: किसानों को सिंचाई, जल प्रबंधन और कृषि तकनीकों के बारे में शिक्षित करना और उन्हें सलाह देना।
जल विवादों का समाधान: पानी के उपयोग से संबंधित विवादों को सुलझाना।
सिंचाई विभाग कृषि क्षेत्र के लिए जल संसाधनों का कुशल और टिकाऊ प्रबंधन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह विभाग किसानों की समृद्धि और देश की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है