Himachal Pradesh Mukhyamantri Khet Sanrakshan Yojana | हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना
Here is the complete guide on Himachal Pradesh Mukhyamantri Khet Sanrakshan Yojana | हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना
खेतीबाड़ी करते समय किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इनमें से एक मुख्य समस्या आवारा पशुओं और बंदरों का खतरा है. खेतों की फसलों को इन जंगली जानवरों से बचाने के लिए किसान आमतौर पर अपने खेतों की चारों ओर बाड़ लगाते हैं. लेकिन, तार की बाड़ लगाने में काफी खर्च आता है और कई गरीब किसान आर्थिक रूप से इसे लगा पाने में असमर्थ होते हैं. ऐसे ही जरूरतमंद किसानों की मदद के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने ” मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना” की शुरुआत की है.
Benefits of Himachal Pradesh Mukhyamantri Khet Sanrakshan Yojana | हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना
- मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत खेत की बाड़ लगाने के लिए पात्र किसानों को सब्सिडी दी जाएगी।
- एकल किसान के लिए तार की बाड़ लगाने की कुल लागत पर 80% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- 3 या उससे अधिक किसानों के समूह के लिए तार की बाड़ लगाने की कुल लागत पर 85% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
Fence | Type |
Barbed Wire | With Angle Iron. With R.C.C. Post. |
Chain Link Fence | With Angle Iron. With R.C.C. Post. |
Composite Fence | Solar Powered Electric Fence |
Eligibility | पात्रता
- आवेदक हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक किसान होना चाहिए।
- किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
- किसान 3 या अधिक समूह में सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Document Required | दस्तावेज़ की आवश्यकता
हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत वायर फेंस के लिए सब्सिडी के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- हिमाचल प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र।
- आधार कार्ड।
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
- कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज।
- पासपोर्ट साइज फोटो।
- मोबाइल नंबर।
- बैंक खाता विवरण।
Online Application Process | ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- किसान लाभार्थी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत वायर फेंसिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं।मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का ऑनलाइन आवेदन फॉर्म हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के DBT पोर्टल पर उपलब्ध है।किसान लाभार्थी को पहले पंजीकरण करना होगा।पंजीकरण फॉर्म में निम्नलिखित विवरण भरने होते हैं:
- किसान का नाम
- आधार कार्ड नंबर
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी (अनिवार्य नहीं)
- पंजीकरण के बाद पोर्टल पर लॉगिन करके आवेदन फॉर्म भरें।योजना सूची से “मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना” चुनें।ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में निम्नलिखित विवरण भरें:
- किसान के व्यक्तिगत विवरण
- संपर्क विवरण
- कृषि क्षेत्र से संबंधित विवरण
- सभी आवश्यक दस्तावेजों को ऊपर बताए गए विवरण भरने के बाद अपलोड करें।आवेदन फॉर्म का पूर्वावलोकन करें और यदि कोई परिवर्तन आवश्यक न हो तो सबमिट बटन पर क्लिक करें।हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के अधिकारी प्राप्त आवेदन फॉर्म और दस्तावेजों की जांच करेंगे।सत्यापन के बाद किसान के कृषि क्षेत्र के लिए वायर फेंसिंग की सब्सिडी बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
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Offline Application Process | ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
- इच्छुक किसान वायर फेंसिंग पर सब्सिडी के लिए ऑफलाइन आवेदन फॉर्म भरकर भी आवेदन कर सकते हैं।
- मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का ऑफलाइन आवेदन फॉर्म ब्लॉक कार्यालय या जिला कृषि विभाग कार्यालय में उपलब्ध है।
- खेत संरक्षण योजना का आवेदन फॉर्म पूरी तरह से नि:शुल्क है।
- आवेदन फॉर्म भरें और इसके साथ सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- सभी दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का आवेदन फॉर्म ब्लॉक या जिला कृषि विभाग कार्यालय में जमा करें।
- संबंधित अधिकारी प्राप्त आवेदन फॉर्म और दस्तावेजों की जांच करेंगे।
- सत्यापन के बाद मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत वायर फेंसिंग की सब्सिडी किसान के दिए गए बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
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Contact Details | सम्पर्क करने का विवरण
हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग टोल फ्री नंबर: 18001801551हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग हेल्पलाइन नंबर:
- 0177-2830162
- 0177-2830618
- 0177-2830174
हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग हेल्पडेस्क ईमेल: krishibhawan-hp@gov.inकृषि निदेशालय, हिमाचल प्रदेश, कृषिभवन, बोइलॉगंज, शिमला, हिमाचल प्रदेश, 171005
FAQ
हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य किसानों की फसलों को जंगली जानवरों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत खेतों के चारों ओर बाड़ लगाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि किसानों को फसल क्षति से बचाया जा सके।
इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए कौन पात्र है?
हिमाचल प्रदेश के निवासी छोटे और सीमांत किसान इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। उन्हें अपनी भूमि पर खेती करनी चाहिए और जंगली जानवरों या प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति की समस्या का सामना करना चाहिए।
योजना के अंतर्गत किसानों को कितनी वित्तीय सहायता मिलती है?
योजना के अंतर्गत, किसानों को खेत की चारदीवारी या बाड़ लगाने के लिए 80% तक की अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता किसानों की भूमि के आकार और आवश्यक सुरक्षा उपायों के आधार पर दी जाती है।
Dhruv Sharma is a dedicated content creator and the author behind Yojana World. With a passion for empowering individuals through information, Dhruv specializes in writing about government schemes and services in India.