Compensation to Victims of Hit and Run Motor Accident Scheme | हिट एंड रन मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना
Here is the intro of Compensation to Victims of Hit and Run Motor Accident Scheme:
Benefits of Compensation to Victims of Hit and Run Motor Accident Scheme
भारत सरकार हिट एंड रन मोटर दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा योजना के तहत मोटर वाहन अधिनियम की धारा 161 के तहत निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगी:-
Procedure to Claim Compensation | मुआवज़ा का दावा करने की प्रक्रिया
Procedure Followed by Claim Enquiry Officer | दावा जांच अधिकारी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया
Sanctioning Of Claim | दावे की स्वीकृति
- दावा जांच अधिकारी से रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात, दावा निपटान आयुक्त को हिट एंड रन मोटर दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा योजना के तहत दावे को मंजूरी देने का अधिकार है।
- दावा निपटान आयुक्त के लिए दावे को यथाशीघ्र लेकिन रिपोर्ट प्राप्त होने की तिथि से 15 दिनों से अधिक समय में मंजूरी देना अनिवार्य है।
- दावा निपटान आयुक्त को पीड़ित के उपचार के लिए अस्पतालों द्वारा उठाए गए दावे की राशि में कटौती करने का अधिकार है।
- यदि उपचार के लिए अस्पताल द्वारा दावा की गई राशि योजना में निर्धारित मुआवजा राशि से अधिक है, तो उस स्थिति में मृतक के दावेदार या कानूनी प्रतिनिधि को कोई राशि नहीं दी जाएगी।
- यदि दावा निपटान आयुक्त को रिपोर्ट पर संदेह है तो वह रिपोर्ट को पुनः जांच के लिए दावा जांच अधिकारी को वापस कर देगा।
- यदि दावा उचित पाया जाता है तो दावा निपटान आयुक्त मुआवजा राशि को मंजूरी देगा और अंतिम संवितरण के लिए अपना मंजूरी आदेश जनरल इंश्योरेंस काउंसिल को भेजेगा।
Payment Of Compensation | मुआवज़े का भुगतान
- हिट एंड रन मोटर दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा योजना के तहत दावा स्वीकृत होने के बाद मुआवजे की राशि लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
- पीड़ित की मृत्यु होने पर मुआवजे की राशि यानी 2,00,000/- रुपये मृतक के कानूनी प्रतिनिधि को दी जाएगी।
- गंभीर चोट के मामले में मुआवजे की राशि यानी 50,000/- रुपये सीधे घायल व्यक्ति को दी जाएगी।
- जनरल इंश्योरेंस काउंसिल मृतक के दावेदार या कानूनी प्रतिनिधि द्वारा दिए गए बैंक खाते में सीधे ई-भुगतान करेगी।
- आदेश प्राप्त होने की तिथि से 15 दिनों की अवधि के भीतर भुगतान करना अनिवार्य है।
- यदि किसी कारण से भुगतान में देरी होती है, तो दावा निपटान आयुक्त लिखित रूप में कारण दर्ज करेगा।
Key Features of the Scheme | योजना की मुख्य विशेषताएं
Here is the key feature of Compensation to Victims of Hit and Run Motor Accident Scheme:
भारत में हिट एंड रन केस की सजा क्या है?
भारत में हिट एंड रन मामले में सजा भारतीय दंड संहिता (IPC) और मोटर वाहन अधिनियम के तहत दी जाती है। यहां इसका विवरण है:
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत:अगर हिट एंड रन केस में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो इसे धारा 304A (लापरवाही से मौत) के तहत रखा जाता है। इसमें 2 साल तक की जेल, या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
अगर दुर्घटना के कारण किसी को गंभीर चोट आती है, तो आरोपी को धारा 338 (गंभीर चोट पहुँचाना) के तहत सजा दी जाती है, जिसमें 2 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत:धारा 161 के अंतर्गत हिट एंड रन मामलों में मृतक के परिजनों को सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाता है।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत, अगर कोई व्यक्ति हिट एंड रन केस में पकड़ा जाता है तो उसे 2000 रुपये का जुर्माना और/या 3 महीने तक की जेल हो सकती है। यह सजा आरोपी की लापरवाही और परिस्थितियों के आधार पर तय की जाती है।
इसके अलावा, अगर दोषी व्यक्ति नशे की हालत में पाया जाता है या उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, तो सजा और कठोर हो सकती है।
हिट एंड रन का क्या फैसला हुआ?
The verdict in the Rebecca Grossman hit-and-run case has been announced. Grossman, a Los Angeles socialite, was found guilty of second-degree murder for a tragic 2020 crash that killed two young brothers. The jury also convicted her of vehicular manslaughter with gross negligence and hit-and-run resulting in death. Grossman, who was driving at high speeds when she hit the boys in a crosswalk, faces up to 34 years in prison following the sentencing in 2024.
दुर्घटना में क्या मिलेगा?
दुर्घटना के बाद आपको विभिन्न चीजें मिल सकती हैं, जो स्थिति और घटना की गंभीरता पर निर्भर करती हैं। इनमें शामिल हो सकती हैं:
मुआवजा: यदि दुर्घटना में किसी अन्य पक्ष की गलती है, तो आपको मुआवजे के रूप में आर्थिक सहायता मिल सकती है। मुआवजा चिकित्सा खर्च, गाड़ी की मरम्मत, या काम से छुट्टी के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के रूप में हो सकता है।
बीमा क्लेम: यदि आपका वाहन बीमित है, तो दुर्घटना के बाद आप बीमा कंपनी से क्लेम कर सकते हैं, जिससे मरम्मत का खर्च या अन्य आर्थिक सहायता मिल सकती है।
चिकित्सा उपचार: गंभीर चोट के मामलों में अस्पताल में इलाज और दवाइयों की आवश्यकता हो सकती है, जिसे बीमा या सरकारी योजनाओं के तहत कवर किया जा सकता है।
कानूनी कार्रवाई: अगर दुर्घटना किसी की लापरवाही से हुई है, तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में अदालत से न्याय मिलने की संभावना होती है।
मानसिक एवं भावनात्मक समर्थन: दुर्घटना का प्रभाव केवल शारीरिक नहीं होता, बल्कि मानसिक और भावनात्मक समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसके लिए परामर्शदाता या मनोवैज्ञानिक मदद ली जा सकती है।
इसलिए दुर्घटना के बाद उचित मुआवजा और समर्थन पाने के लिए कानूनी, चिकित्सा और बीमा विशेषज्ञों से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।
एक्सीडेंट क्लेम कैसे किया जाता है?
एक्सीडेंट क्लेम करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. तुरंत सूचना दें:
जैसे ही एक्सीडेंट होता है, आपको पुलिस और अपनी बीमा कंपनी को इसकी जानकारी तुरंत देनी चाहिए। पुलिस रिपोर्ट और FIR (यदि आवश्यक हो) क्लेम के लिए आवश्यक हो सकती है।
2. दस्तावेज़ तैयार करें:
क्लेम करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची बनाएं, जिसमें शामिल हो सकते हैं:
पुलिस रिपोर्ट या FIR
ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी
बीमा पॉलिसी नंबर
वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र
दुर्घटना से संबंधित फोटो और गवाहों के बयान (यदि संभव हो)
3. बीमा कंपनी से संपर्क करें:
अपनी बीमा कंपनी को क्लेम करने के लिए फोन या ऑनलाइन माध्यम से संपर्क करें। वे आपको आवश्यक फ़ॉर्म्स देंगे जो आपको भरने होंगे। इसके अलावा, आपको दुर्घटना की जानकारी विस्तार से देनी होगी।
4. क्लेम का मूल्यांकन:
बीमा कंपनी आपके वाहन के नुकसान का मूल्यांकन करेगी। इसके लिए वे सर्वेयर भेज सकते हैं जो दुर्घटनास्थल या मरम्मत केंद्र पर आकर निरीक्षण करेंगे।
5. मरम्मत और क्लेम भुगतान:
बीमा कंपनी की ओर से सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर आपकी क्लेम राशि का निर्णय लिया जाएगा। मरम्मत करवाने के बाद आपको खर्चे के बिल जमा करने होंगे, जिसके आधार पर आपको राशि का भुगतान किया जाएगा।
6. क्लेम सेटलमेंट:
दस्तावेज़ों की पुष्टि और जांच के बाद, बीमा कंपनी आपके क्लेम का सेटलमेंट करेगी और आपको भुगतान किया जाएगा।
ध्यान दें कि कुछ क्लेम्स में आपका कोई डिडक्टेबल अमाउंट हो सकता है, जो आपको खुद वहन करना पड़ सकता है।
Gulfam Qamar: India Sarkar Yojana
Gulfam Qamar has been instrumental in the implementation and management of various India Sarkar Yojana (Government of India Schemes) aimed at improving the socio-economic fabric of the country. These schemes encompass a broad spectrum of sectors, each designed to enhance the welfare and quality of life for the citizens of India. Key initiatives include:
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY): A financial inclusion program providing banking access to the unbanked.
Swachh Bharat Abhiyan: A nationwide cleanliness campaign focused on eliminating open defecation and promoting sanitation.
Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY): An affordable housing initiative for urban and rural poor.
Ayushman Bharat: A healthcare scheme offering comprehensive health coverage to economically vulnerable families.
Make in India: An initiative to turn India into a global manufacturing hub.
Digital India: A campaign to ensure government services are available electronically and improve internet connectivity.
Skill India: A program aimed at training millions of people in various skills to enhance employability.
Atmanirbhar Bharat: A self-reliance campaign promoting economic growth and reducing dependency on imports.
These initiatives, under the guidance of individuals like Gulfam Qamar, highlight the Government of India’s commitment to fostering development, inclusivity, and sustainability.